भारत में मोतियाबिंद अंधत्व का प्रमुख कारण है, जो 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में अंधत्व के 66.2% मामलों के लिए जिम्मेदार है (राष्ट्रीय अंधत्व और दृष्टि बाधा सर्वेक्षण 2015–19 के अनुसार)।
अच्छी खबर यह है कि मोतियाबिंद की सर्जरी एक सुरक्षित, प्रभावी और जीवन बदलने वाला इलाज है, जो 95% से अधिक मामलों में दृष्टि को बहाल कर देता है।
लेकिन सभी मोतियाबिंद या उनकी सर्जरी एक जैसी नहीं होतीं।
Innocent Hearts Eye Centre में, हम नवीनतम सर्जिकल तकनीकों और इंट्राओक्युलर लेंस विकल्पों के साथ व्यक्तिगत मोतियाबिंद देखभाल प्रदान करते हैं। इस गाइड में, हम आपको बताएंगे:
- मोतियाबिंद सर्जरी के प्रकार
- लेंस विकल्प
- नॉन-सर्जिकल सहायक उपकरण
- और कैसे सही विकल्प चुनें जो आपकी आंखों और जीवनशैली के लिए उपयुक्त हो।

मोतियाबिंद सर्जरी क्यों आवश्यक है
मोतियाबिंद आंख के प्राकृतिक लेंस को धुंधला बना देता है, जिससे होता है:
- धुंधली या धुंध जैसी दृष्टि
- तेज रोशनी या चमक के प्रति संवेदनशीलता
- रात में देखने में कठिनाई
- रंगों का फीका पड़ना
- चश्मे के नंबर में बार-बार बदलाव
प्रारंभिक चरणों में, मोतियाबिंद के चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस से मदद मिल सकती है।
लेकिन जब मोतियाबिंद पढ़ने, ड्राइविंग या चेहरों को पहचानने जैसी दैनिक गतिविधियों में बाधा डालने लगे, तो सर्जरी आवश्यक हो जाती है।
भारत में लाखों लोग सर्जरी में देरी करते हैं, जिससे स्थायी दृष्टि हानि हो सकती है।
समय पर निदान और इलाज से स्थायी अंधत्व से बचा जा सकता है।
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मोतियाबिंद के लिए चश्मे और कॉन्टैक्ट लेंस: अस्थायी राहत
प्रारंभिक मोतियाबिंद में कुछ लोगों को मजबूत चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस से अस्थायी राहत मिल सकती है।
कैसे मदद करते हैं:
- धुंधली या विकृत दृष्टि को अस्थायी रूप से सुधारते हैं
- कंट्रास्ट बढ़ाते हैं और चमक को कम करते हैं
- शुरुआती चरणों में सुरक्षित कार्य करने में मदद करते हैं
लेकिन जैसे-जैसे मोतियाबिंद बढ़ता है:
- बार-बार चश्मे का नंबर बदलने की जरूरत पड़ती है
- एक आंख में डबल विजन हो सकता है
- कम रोशनी में भी देखने में कठिनाई होती है
इस स्थिति में मोतियाबिंद सर्जरी ही एकमात्र प्रभावी इलाज बनती है।
मोतियाबिंद सर्जरी के प्रकार
1. फैकोइमल्सिफिकेशन (Phaco Surgery)
सबसे आम और विश्व स्तर पर स्वर्ण मानक मानी जाने वाली सर्जरी।
कैसे होती है:
- कॉर्निया में 2–3 मिमी का छोटा चीरा
- अल्ट्रासाउंड से लेंस को टुकड़ों में तोड़कर बाहर निकाला जाता है
- एक फोल्डेबल इंट्राओक्युलर लेंस (IOL) डाला जाता है
फायदे:
- बिना टांके और ब्लेड-रहित प्रक्रिया
- 1–2 दिनों में तेज़ रिकवरी
- न्यूनतम असुविधा
- जटिलताओं का कम जोखिम
Phaco सर्जरी के बारे में और जानें
2. एक्स्ट्रा कैप्सुलर कैटरेक्ट एक्सट्रैक्शन (ECCE)
कुछ जटिल मामलों में पारंपरिक विधि का उपयोग।
कैसे होती है:
- 10–12 मिमी का बड़ा चीरा
- पूरा लेंस एक टुकड़े में निकाला जाता है
- कठोर IOL डाला जाता है
फायदे:
- बहुत पके हुए मोतियाबिंद के लिए उपयुक्त
- सीमित संसाधनों वाले इलाकों में संभव
नुकसान:
- रिकवरी में अधिक समय लगता है
- टांकों की जरूरत हो सकती है
- सूजन का खतरा ज्यादा होता है
3. इंट्राकैप्सुलर कैटरेक्ट एक्सट्रैक्शन (ICCE)
अब बहुत कम उपयोग होने वाली विधि।
कैसे होती है:
- बड़ा चीरा बनाकर पूरा लेंस और कैप्सूल निकाला जाता है
- IOL को आंख के अगले भाग में रखा जाता है
जोखिम: अधिक जटिलताएं और लेंस की अस्थिरता।
कब किया जाता है: बहुत विशेष या हाई-रिस्क मामलों में।
4. लेज़र-असिस्टेड कैटरेक्ट सर्जरी (LACS)
Femtosecond लेजर तकनीक से की जाने वाली उन्नत सर्जरी।
कैसे होती है:
- लेज़र से मुख्य सर्जिकल स्टेप पूरे किए जाते हैं
- अल्ट्रासाउंड का उपयोग कम होता है
- प्रीमियम लेंस लगाने में उच्च सटीकता मिलती है
फायदे:
- अत्यधिक सटीक सर्जरी
- आसपास के ऊतकों को कम चोट
- बेहतरीन परिणाम
लेजर कैटरेक्ट सर्जरी के बारे में जानें
लागत के पहलू
भारत में मोतियाबिंद सर्जरी की लागत कई चीजों पर निर्भर करती है:
कारक | लागत पर प्रभाव |
सर्जरी का प्रकार | लेज़र सर्जरी सामान्य सर्जरी से महंगी |
IOL का चयन | प्रीमियम लेंस महंगे |
अस्पताल/क्लिनिक | प्रसिद्ध सेंटर थोड़ी महंगी फीस लेते हैं |
शहर/स्थान | मेट्रो शहरों में लागत अधिक |
बीमा कवरेज | आंशिक या पूर्ण खर्च कवर कर सकता है |
औसत लागत: ₹12,000 से ₹65,000 प्रति आंख।
कई अस्पताल कैशलेस बीमा और EMI विकल्प भी देते हैं।
मोतियाबिंद लेंस के प्रकार (IOLs)
मोतियाबिंद हटाने के बाद, नया लेंस लगाया जाता है। लेंस का सही चयन आपकी दृष्टि को प्रभावित करता है।
🔹 Monofocal IOLs
- एक दूरी (आमतौर पर दूर) पर स्पष्ट दृष्टि देते हैं
- पढ़ने के लिए चश्मे की जरूरत पड़ती है
- बीमा योजनाओं में सामान्यत: शामिल
🔹 Multifocal IOLs
- पास, मध्य और दूर — तीनों दूरी के लिए स्पष्ट दृष्टि
- चश्मे पर निर्भरता कम होती है
- रात में हल्का ग्लेयर या हैलो हो सकता है
🔹 Toric IOLs
- मोतियाबिंद के साथ-साथ ऐस्टिग्मेटिज़्म भी सुधारते हैं
- दूर की दृष्टि के लिए चश्मे की जरूरत नहीं पड़ती
🔹 EDOF IOLs (Extended Depth of Focus)
- एक सतत दृष्टि रेंज प्रदान करते हैं
- रात में कम ग्लेयर समस्याएं
- मोनोफोकल और मल्टीफोकल के बीच का बेहतरीन विकल्प
🎯 अपनी आंखों और जीवनशैली के अनुसार सही लेंस चुनने के लिए हमारे विशेषज्ञों से सलाह लें।
मोतियाबिंद लेंस के प्रकार जानें
रिकवरी और देखभाल
क्या उम्मीद करें:
- पहला दिन: धुंधली दृष्टि, हल्की जलन
- 3–7 दिन: दृष्टि में सुधार
- 4 सप्ताह: स्थिर दृष्टि; यदि जरूरत हो तो चश्मा दिया जाएगा
रिकवरी के टिप्स:
- निर्धारित आई ड्रॉप्स का नियमित उपयोग करें
- आंखों को रगड़ने से बचें
- धूप में UV प्रोटेक्शन वाले चश्मे पहनें
- स्विमिंग और भारी वजन उठाने से बचें
क्या मोतियाबिंद सर्जरी सुरक्षित है?
हाँ, यह दुनिया की सबसे सुरक्षित और सफल सर्जरी में से एक है।
IHEC में हम संक्रमण नियंत्रण के उच्च मानकों और अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करते हैं।
सफलता दर: 98% से अधिक मरीजों को सामान्य या लगभग सामान्य दृष्टि मिलती है।
दुर्लभ जोखिम:
- संक्रमण
- सूजन
- रेटिना डिटेचमेंट
- पोस्टीरियर कैप्सूल ऑपेसिफिकेशन (PCO)
भारत में मोतियाबिंद: आँकड़े
- भारत में 1.2 करोड़ से अधिक लोग मोतियाबिंद के कारण अंधे हैं (NCBI)
- इनमें से अधिकांश 50 वर्ष से अधिक आयु के हैं
- भारत में हर साल 60–70 लाख मोतियाबिंद सर्जरी होती हैं
- ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता और पहुंच अब भी चुनौती बनी हुई है
समय पर इलाज से आजीवन अंधत्व से बचा जा सकता है।
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भारत में मोतियाबिंद सर्जरी के बारे में सामान्य प्रश्न (FAQs)
- मोतियाबिंद सर्जरी की सबसे सामान्य प्रक्रिया क्या है?
मोतियाबिंद सर्जरी की सबसे सामान्य प्रक्रिया फेकोइमल्सिफिकेशन (फेको सर्जरी) है। इसमें एक छोटा, बिना टांका लगाए चीरा लगाया जाता है, जिसके माध्यम से अल्ट्रासाउंड द्वारा धुंधला लेंस इमल्सिफाई किया जाता है और उसे इंट्राऑक्युलर लेंस (IOL) से बदल दिया जाता है। यह सुरक्षित, त्वरित और तेज़ रिकवरी वाला तरीका है। - मैं पास के सर्वोत्तम मोतियाबिंद सर्जरी केंद्र कैसे खोज सकता हूँ?
आप अनुभवी सर्जनों, उन्नत तकनीक (जैसे लेजर मोतियाबिंद सर्जरी) और अच्छे रोगी समीक्षाओं वाली प्रतिष्ठित आँखों के अस्पतालों को खोज सकते हैं। यदि आप पंजाब में हैं, तो आप Innocent Hearts Eye Centre, Jalandhar में परामर्श बुक कर सकते हैं, जो आपके पास के विश्वासनीय मोतियाबिंद सर्जरी केंद्र है। - क्या मोतियाबिंद सर्जरी के बाद कोई जटिलताएँ होती हैं?
मोतियाबिंद सर्जरी बहुत सुरक्षित है, लेकिन जैसे किसी भी प्रक्रिया में, इसमें न्यूनतम जोखिम होते हैं जैसे संक्रमण, सूजन, या पोस्टेरियर कैप्सूल ऑपैसिफिकेशन (PCO)। अधिकांश जटिलताएँ इलाज योग्य होती हैं और विशेषज्ञ देखभाल में शायद ही कभी होती हैं। - मोतियाबिंद सर्जरी के बाद रिकवरी का समय कितना होता है?
अधिकांश मरीजों को 2-3 दिनों के भीतर दृष्टि में सुधार होता है, लेकिन पूर्ण रिकवरी में 4 सप्ताह तक का समय लग सकता है। अनुशंसित सर्जरी के बाद की देखभाल योजना का पालन करना, जैसे कि आँखों की दवाइयाँ लगाना और अधिक तनाव से बचना, सर्वोत्तम उपचार सुनिश्चित करता है। - भारत में मोतियाबिंद सर्जरी की लागत क्या है?
मोतियाबिंद सर्जरी की लागत प्रक्रिया के प्रकार (साधारण या लेजर), इस्तेमाल किए गए IOL और अस्पताल पर निर्भर करती है। IHEC में, हम किफायती पैकेज, बीमा कवर और लचीले EMI योजनाएं प्रदान करते हैं। - क्या मोतियाबिंद को चश्मे या कॉन्टेक्ट लेंस से ठीक किया जा सकता है?
प्रारंभिक चरणों में, मोतियाबिंद चश्मे या कॉन्टेक्ट लेंस से दृष्टि में सुधार हो सकता है। हालांकि, ये मोतियाबिंद के बढ़ने को रोकते नहीं हैं। जब मोतियाबिंद दैनिक जीवन में रुकावट डालने लगे, तो सर्जरी ही स्थायी समाधान होती है। - मोतियाबिंद लेंस (IOLs) के विभिन्न प्रकार क्या हैं?
मोनोफोकल, मल्टीफोकल, टोरिक और EDOF लेंस सहित कई प्रकार के IOL होते हैं। प्रत्येक विभिन्न दृष्टि आवश्यकताओं और बजट के अनुसार होता है। आपके सर्जन आपकी परामर्श के दौरान सर्वोत्तम विकल्प सुझाएँगे। - क्या मैं मोतियाबिंद के लिए लेजर आँखों की सर्जरी करवा सकता हूँ?
हाँ, लेजर-असिस्टेड मोतियाबिंद सर्जरी (FLACS) एक उन्नत तकनीक है जो सटीकता के लिए फेम्टोसेकंड लेजर का उपयोग करती है। यह विशेष रूप से उन मरीजों के लिए आदर्श है जो अस्टिग्मेटिज्म को भी सुधारना चाहते हैं या प्रीमियम लेंस का चयन करना चाहते हैं। - क्या LASIK आँखों की सर्जरी मोतियाबिंद सर्जरी के समान है?
नहीं, LASIK और मोतियाबिंद सर्जरी अलग प्रक्रियाएं हैं। LASIK कॉर्निया को आकार में बदलने के लिए किया जाता है ताकि रिफ्रैक्टिव दोष को ठीक किया जा सके, जबकि मोतियाबिंद सर्जरी में धुंधले प्राकृतिक लेंस को बदला जाता है। हालांकि, कुछ मरीज मोतियाबिंद सर्जरी के बाद LASIK का विकल्प चुन सकते हैं ताकि वे अपनी दृष्टि को और अधिक सटीक बना सकें। - मोतियाबिंद सर्जरी के बाद मुझे क्या से बचना चाहिए?
कम से कम एक हफ्ते तक अपनी आँखों को छूने, तैराकी करने, धूल भरे वातावरण और भारी उठाने से बचें। बाहरी स्थानों पर UV-प्रोटेक्टेड सनग्लासेज पहनें और डॉक्टर द्वारा दी गई सभी सर्जरी के बाद की देखभाल दिशानिर्देशों का पालन करें।